मातृभाषा
हिंदी दिवस
खुद को हिन्दू, हिन्दी कहलाते हैं,
और हिंदी ही बोलने में लजाते हैं।
बच्चे मेरे अंग्रेजी माध्यम से पढ़ते हैं
अभिभावक अभिमान से कहते हैं
दैनिक वस्तुओं को अंग्रेजी में बुलाते हैं
और हिंदी ही बोलने में लजाते हैं।
जिन अंग्रेजो ने भारत का खून चूसा
सैकड़ों साल तक भारत को लूटा
अपने ही बच्चों को अंग्रेज बनाते हैं
और हिंदी ही बोलने में लजाते हैं।
हिंदी को अंतर्राष्ट्रीय भाषा बनाना है
दुनिया में हिंदी भाषी बढ़ाना है
चलें विश्व भाषा में अपनी धाक जमाते हैं
और हिंदी ही बोलने में लजाते हैं।
नूरफातिमा खातून “नूरी” (शिक्षिका)
जिला-कुशीनगर