#मातृभाषा हिंदी #मातृभाषा की दशा और दिशा
#नमन मंच
#विषय हिंदी दिवस विशेषांक
#शीर्षक मातृभाषा हिंदी की दशा और दिशा
#दिनांक १३/०९/२०२४
#विद्या कविता
करता है जो मातृभाषा में संवाद
समझते अपने ही लोग उसे गंवार,
जो करता अंग्रेजी भाषा का बखान
दुनिया में जैसे एक वही बुद्धिमान !
बहुत हुआ अत्याचार अब ना सहेंगे
अपनी मातृभाषा का यह अपमान,
दिला के रहेंगे हिंदी को दुनिया की
सबसे उत्तम भाषा का सम्मान !
समझा के रहेंगे अब दुनिया को
भावनाओं को व्यक्त करने में,
हिंदी भाषा है सबसे आसान !
बहुत सह लिया अंग्रेजी भाषा का
गुणगान, आजादी को मिले समय
बीत चुका, यह भाषा हमें याद
दिला देती गुलामी की दास्तान !
स्वरचित मौलिक रचना
राधेश्याम खटीक
भीलवाड़ा राजस्थान
shyamkhatik363@gmail.com