माता स्तुति
हे
मंगला काली
शरण आई तेरे
मंगल करो
मांँ।
विंध्यवासिनी
जगत मातेश्वरी
कष्ट हरो मेरे
शरण आई
तेरे।
हे
असुर संघारिणी
शरण आई तेरे
शत्रु हरो मेरे।
हे
माँ चंडिका
भाव पार उतारो
शत्रु हरो
मांँ।
मैं
अज्ञानी बालक
कृपा दृष्टि बरसाओ
करजोर करुं
विनती।
विद्यादात्री
मां शारदे
आशीष दो मुझे
नमन करे
“शुचि”।
डॉ माधवी मिश्रा “शुचि”