जीवन पथ
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
क्या गिला क्या शिकायत होगी,
मृदा मात्र गुबार नहीं हूँ
ऐसा कभी क्या किया है किसी ने
चंद्रयान तीन अंतरिक्ष पार
😊कहां रुपल्ली, कहां रुपैया😊
ज्यामिति में बहुत से कोण पढ़ाए गए,
कुछ खो गया, तो कुछ मिला भी है
रात की नदी में
पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल)
*कलियुगी मंथरा और परिवार*
खामोशी सुनता हूं
Abhinay Krishna Prajapati-.-(kavyash)
मैं हिंदी में इस लिए बात करता हूं क्योंकि मेरी भाषा ही मेरे
हिन्दी हाइकु- शुभ दिपावली
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'