माता रानी की भेंट
भोर भई अब जागो मेरी अम्बे, दर्शन करने आए हैं।
मंदिर के पट खोलो मेरी मैया, पूजन करने आए हैं।।
दयामई तुम हो विजयासन, दया सभी पर कर देना।
ममतामई हो तुम जगदम्बे, सबके काज बना देना।।
अरज सुनो हे माता शारदा, अर्जी लगाने आए हैं।
तेरे दर्शन से हे माता, बिगड़ी किस्मत बनती है।।
अपने चरणों की धूली से, कष्ट सभी के हरती है।
ऊंचा तेरा भवन भवानी, सिडियां चढ़कर आए हैं।।
मैं अज्ञानी तेरा माता अर्चन करना क्या जानूं।
ज्ञानी पंडित सेवक तेरे मैं पूजन करना क्या जानूं।।
श्रद्धा भाव से तुझको माता, भेंट चढ़ाने आए हैं।
मंदिर के पट खोलो मेरी अम्बे पूजन करने आए हैं।।