Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Mar 2022 · 1 min read

माँ के चरणो में

पाप नाशिनी असुर संहारिणी काली रूप हे मां
अष्ट भुजी मां सिंह बाहिनी अम्बे रूप हे मां।।
देव दनुज सुर मनुज के ऊपर विपदा आन पड़े।
तब हुंकार करे तू मैया त्रिभुवन डोल उठे।।
हाथ खड्ग नर मुंड की माला खप्पर हाथ धरे।
रक्त बीज महिषासुर मारे जग कल्याण करें।।
मंगल करणी भव भय हरिणी चंडी रूप हे मां।
चैत्र मास नौ दिन मैया के नौ नौ रूप धरे।।
ज्योति जले नौ दिन मैया की छप्पन भोग लगे।
जो भी आए शरण तिहारे मंगल काज करे।।
कन्ही शारदा कन्ही भवानी कितने रूप धरे।
सब सुख करणी मातृ रूपणी दुर्गा रूप हे मां।।
अष्ट भुजी मां सिंह वाहिनी अम्बे रूप हे मां।
उमेश मेहरा (शिक्षक)
गाडरवारा (m,p,)
9479611151

Language: Hindi
1 Like · 367 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
तू मुझे क्या समझेगा
तू मुझे क्या समझेगा
Arti Bhadauria
"जरा देख"
Dr. Kishan tandon kranti
मां की दूध पीये हो तुम भी, तो लगा दो अपने औलादों को घाटी पर।
मां की दूध पीये हो तुम भी, तो लगा दो अपने औलादों को घाटी पर।
Anand Kumar
18- ऐ भारत में रहने वालों
18- ऐ भारत में रहने वालों
Ajay Kumar Vimal
--जो फेमस होता है, वो रूखसत हो जाता है --
--जो फेमस होता है, वो रूखसत हो जाता है --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
किताबों से ज्ञान मिलता है
किताबों से ज्ञान मिलता है
Bhupendra Rawat
2640.पूर्णिका
2640.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
अजीब हालत है मेरे दिल की
अजीब हालत है मेरे दिल की
Phool gufran
"शौर्य"
Lohit Tamta
पितृ हमारे अदृश्य शुभचिंतक..
पितृ हमारे अदृश्य शुभचिंतक..
Harminder Kaur
केशव
केशव
Dinesh Kumar Gangwar
दिनांक - २१/५/२०२३
दिनांक - २१/५/२०२३
संजीव शुक्ल 'सचिन'
हमारी मंजिल
हमारी मंजिल
Diwakar Mahto
जीवन का प्रथम प्रेम
जीवन का प्रथम प्रेम
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
मन
मन
Sûrëkhâ
आज हम सब करें शक्ति की साधना।
आज हम सब करें शक्ति की साधना।
surenderpal vaidya
आंखों में
आंखों में
Dr fauzia Naseem shad
लंबा सफ़र
लंबा सफ़र
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
न कुछ पानें की खुशी
न कुछ पानें की खुशी
Sonu sugandh
*पैसे-वालों में दिखा, महा घमंडी रोग (कुंडलिया)*
*पैसे-वालों में दिखा, महा घमंडी रोग (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
जिस समय से हमारा मन,
जिस समय से हमारा मन,
नेताम आर सी
#मुक्तक
#मुक्तक
*Author प्रणय प्रभात*
ज़माना हक़ीक़त
ज़माना हक़ीक़त
Vaishaligoel
तू जो कहती प्यार से मैं खुशी खुशी कर जाता
तू जो कहती प्यार से मैं खुशी खुशी कर जाता
Kumar lalit
इस जग में हैं हम सब साथी
इस जग में हैं हम सब साथी
Suryakant Dwivedi
बेशक मां बाप हर ख़्वाहिश करते हैं
बेशक मां बाप हर ख़्वाहिश करते हैं
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मानवता की चीखें
मानवता की चीखें
Shekhar Chandra Mitra
सूरज का ताप
सूरज का ताप
Namita Gupta
ईच्छा का त्याग -  राजू गजभिये
ईच्छा का त्याग - राजू गजभिये
Raju Gajbhiye
"बेज़ारी" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
Loading...