माता पिता के आहें
बद -ज़ुबानी जो करे अपने वालिदेन से ,
खुदा को वोह नागवार गुज़रती है,
जुबां जो दर्द बयां ना करसके ,
मगर अश्कों के शोले कम नहीं।
जिंदगी के हर मुकाम पर आहें ,
ऐसे नामुरादों का रास्ता रोकती है।
यकीन है हमें परवरदिगार के इन्साफ पर ,
जब वोह है हम क़दम ,तो हमें कोई गम नहीं।