माता-पिता की सेवा —आर के रस्तोगी
करोगे माता-पिता की सेवा,उनका आशीर्वाद तुम पाओगे |
दोगो दुःख तुम उनको अगर,कभी नहीं तुम सुख पाओगे ||
जन्म दिया है माता-पिता ने,उनका ऋण नहीं चुका पाओगे |
चुका सकते हो सारे ऋण,पर पित्र -ऋण नहीं चूका पाओगे ||
बनोगे माता-पिता तुम भी,तब इसका अहसास कर पाओगे |
जैसी करनी वैसी भरनी,इसका फल अवश्य एक दिन पाओगे ||
गीले में माँ स्वयं सोकर,तुम्हे सैदेव सूखे में तुम्हे सुलाया है |
स्वयं उठा लेती है अनेको कष्ट,पर तुम्हे कभी नहीं जताया है ||
रखा है तुम्हे नौ मास कोख में,तब भी उसने तुम्हे खिलाया है |
स्वयं भूखी रह कर उसने , अपने हिस्से का तुम्हे खिलाया है ||
माता-पिता है देव् तुल्य उनकी पूजा कैसे कर तुम पाओगे ?
बसाओ उनको अपने मन मंदिर में, तभी पूजा कर पाओगे ||
आर के रस्तोगी
गुरुग्राम ( हरियाणा )
मो 9971006425