माता-पिता की जान है उसकी संतान
माता-पिता की ख़ुशी है उसकी संतान,
माता-पिता की जान है उसकी संतान,
संतान को कुछ हो तो, निकलती है माता-पिता की जान,
संतान की खातिर, एक करते है अपनी जी जान,
दोनों में से एक न हो, वो दोनों किरदार निभाता है,
संतान की खातिर, हर मुसीबत को लड़ जाता है,
माता-पिता न हो तो, हम कुछ भी नहीं…
माता-पिता से ही सब कुछ है ,वरना हम कुछ भी नहीं…
ये रीत युही चली है सदा,
जब हमारी संतान हुई तो हमारी जान भी उनमे ही रही सदा…..
उमेन्द्र कुमार