माता कौशल्या
माता कौशल्या
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शान्त चित्त और धैर्य की प्रतिमूर्ति
प्रभु राम की जन्मदायिनी माँ
सुकौशल अमृतप्रभा की लाडली
चन्दखुरी, रायपुर की माटी की महक
कौशल प्रदेश की राजकुमारी
अयोध्या नरेश दशरथ की पत्नी
अयोध्या राज्य की महारानी
देवमाता अदिति का अवतार
माता कौशल्या है जिसका नाम।
मान्यता है पूर्वजन्म में माता कौशल्या
मनु की पत्नी सतरूपा थीं,
मनु सतरूपा की घोर तपस्या से प्रसन्न
भगवान विष्णु को पुत्र रूप में पाने का
उन्हीं से दोनों ने वरदान पाया।
एक अन्य मान्यता यह भी है कि
रानी कौशल्या द्रोण वसु की पत्नी
धारा (ब्राह्मणी) का अवतार थीं,
जिन्हें विष्णु से वरदान मिला था
उनके पुत्र के रूप में आने का
जिनका उनसे ही वायदा था।
जबकि गुणभद्र कृत उत्तर पुराण में
कौशल्या की माता का नाम सुबाला
और स्वयंभू के ‘पउम चरिउ’ में
कौशल्या का एक अन्य
नाम अपराजिता कहा गया है।
पूर्वजन्म के वरदान के अनुसार ही
त्रेता युग में भगवान विष्णु ने
मनुज रूप में माता कौशल्या की
कोख से जन्म लेकर अपना वायदा पूर्ण किया,
विष्णु अवतारी मर्यादा पुरुषोत्तम राम की
माता होने का गौरव पाकर माता कौशल्या का नाम सदियों से सदा- सदा के लिए अजय अमर
और अमिट शिलालेख हो गया।
ऐसी परम पावनी माँ को हमारा नमन वन्दन है
रामजी से पहले माँ कौशल्या के चरणों में
सुधीर शीष झुकाकर बहुत गौरवान्वित है।
सुधीर श्रीवास्तव
गोण्डा उत्तर प्रदेश