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2 Aug 2021 · 1 min read

माटी

माटी तै माटी होरया सै
जी लकडण नै होरया सै

भरोसा कोनी पल भर का भी
नखरे कई हजार दिखया रै सै

ख्बाब मैं ही महल बनाये करदा
आना पाई कोनी धोरय रै सै

हार मानी कोनी फिर भी
खास कुछ करण की ठानी सै

चाहे लाखों ही दुख आये
हर हाल मैं मंजिल पानी सै

कुछ खास इब तुझको करना
सीरत इक कर्म तेरा साथी सै
शीला गहलावत सीरत
चण्डीगढ़, हरियाणा

Language: Hindi
3 Likes · 2 Comments · 644 Views
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