माटी जन्मभूमि की दौलत ……
इबादत, इनायत की हसरत यही है ;
माटी जन्मभूमि की दौलत यही है |
चरग-ए-मौहब्बत जलाकर के यारो ,
सजदे करें हम कि शौहरत यही है |
मेरा जिस्म, ये जान, हर सांस दे दूँ ;
वतन की हिफाजत कि चाहत यही है |
मैं सौ बार जन्मूँ तेरी गोद मे ही ,
मेरी ‘भारत माता’ इबादत यही है |
कि ‘बिजनौरी’ लिखता रहे गीत यूं ही ,
बुलंद हो तिरंगा कि हसरत यही है |
:- लक्ष्मण ‘बिजनौरी’
23-जुलाई-2022