माघी पूर्णिमा
जप तप साधना संयम,माघ मास में पूर्ण हुआ
माघी स्नान पूर्णिमा पर्व,हर हर गंगे स्नान हुआ
सभी पवित्र तीर्थ नदियों में,पावन हरि हर नाम हुआ
सत्य सनातन संस्कृति का, सामूहिक अमृत पान हुआ
जन-मन उत्साहित है, अंतर्मन उर्जा नव संचार हुआ
नवपल्लव नव अन्न धान्य, शोभित बसंत संसार हुआ
पुष्पित हैं हर ओर लताऐं, फागुन का उदघोष हुआ
राग रंग नृत्य गीत,पृकृति में चहुंओर हुआ
सुहा रहा मधुमास सभी को, उल्लास उमंग ने हृदय छुआ
सुरेश कुमार चतुर्वेदी