माए
दुलार तोहर, अँचरीमे नुका जाए
तोहर नजरि, सभ दुख हरिया जाए।
बिन तोहर, दुनियाँ लगै अधूरी
कखनो नै होय, तोरासँ दूरी।
तोहर ममता, गंगा जल सन पावन
तोहर छाँव, हमर जीवन के सावन।
तोहर गोदी, सुरभित गमक रैन
संसार के बीच, तोहर आस चैन।
तोहर बोल, मंदिरक घंटा लागै
तोहर छुअन, सरस धारा जागै।
तोहर रूप, अगम रागिनी के धारा
तोहर स्नेह, हमर जीवन के सहारा।
दुख केर अन्हरिया, तोहर गप्पे उजास
जिनगीमे तोहर, अपार विश्वास।
तूँ रहबेँ जियत, हमर सभ प्रार्थना
तोहर बिना नै, किछु लागैय स्वप्न।
दुलार तोहर, हमर जीवन के पूंजी
तोहर अँचरा, हमर श्रद्धा के पूंजी।
माए, तोहर रूप हमर सबकिछु छैक
तोहर नामे, संसार हमर छैक।
—श्रीहर्ष–