माईया दौड़ी आए
मईया दौड़ी आए
दुख दर्द भरी है जीवन कि राहें माईया को जब कोई पुकारे माईया दौड़ी आएं ।।
अतीत कि छाया माईया की माया से मीट जाए पाप दुष्ट ग्रह कंटक पलक छपकते खत्म हो जाए ।।
दुख दर्द निराकरण हो जाए माईया का आशीर्वाद जो मिल जाये ।।
दुख दर्द भरी जीवन राहे तमस शूल ही मूल माईया कि भक्ति ही जीवन का सत्य समूल माईया कि ज्योति से तमस त्रास का अंत हो जाए।।
माईया जब भी आती हालात बदल जाते माईया ही जीवन मार्ग निर्धारक ।।
माईया ही सुख दुख दायक निर्मल मन भक्ति माईया नैह स्नेह परिचायक सारा जग संसार।।
माईया का स्नेह नेह तिरस्कार माईया का स्नेह मिले माईया से नेह लगा जीवन का मोल मिले।।
माईया ही एक सहारा भय भवसागर पार करे सुख सम्पत्ति बैभव धन धान्य सुतान्ह्य करे।।
जीवन के आंसू दुख दर्द माईया हर त्रास हरे ।।
माईया कि भक्ति ही जीवन मे आश भरे माईया का ध्यान लगा माईया समर्पित जीवन का माईया उद्धार करे ।।
जीवन कि राहों में माईया जो साथ चले।।
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर गोरखपुर उत्तर भारत।।