मां
माँ
माँ, एक सबद कोनी पूरी पोथी है
मां कदै दैवकी कदै यशोदा है ।
जन्म जन्म सू नाता है
दूजै धरती माथै विधाता है
जन्म सू रगत संबंध राखै
मां पालण रो हद संगम है ।
माँ, एक सबद कोनी पूरी पो़थी है
कदै देवकी, कदै यशोदा है
दुःख में सुख री छाया
हार में जीत री माया
भूख में खुद अन्नपूर्णा
मुसीबत में मां भवानी सरुपा है ।
माँ, एक सबद कोनी पूरी पोथी है
कदै देवकी, कदै यशोदा है
लव-कुश रे प्रेरणा री धार
सभ्यता-संस्कृति री आधार
भगतसिंह वसुंधरा रो सपूत महान
माँ ने किधौ ममता रो बलिदान।
माँ, एक सबद कोनी—— यशोदा है।
©हरीश सुवासिया
देवली कला (पाली)