मां
मैं पूछता था हर रोज़ एक नया सवाल
अब सवाल सब हैं बाक़ी, मां कहा है तू
उंगली पकड़ के चलना आदत सी बन चुकी है
बाज़ार सब हैं बाक़ी, मां कहां है तू
डर लग रहा है मुझको मैं कांपता हूं हरदम
ये रात सब है बाक़ी, मां कहां है तू
चूल्हे की रोटियों की ख़ुशबू नहीं है आती
है आग उसमे बाक़ी, मां कहां है तू
रुसवा जो तू हुई मेरी खता थी सारी
जो बात है वो बाक़ी, मां कहां है तू
वो कह न सका तुझसे जो दिल में आरज़ू थी
आंसु सभी हैं बाक़ी, मां कहां है तू
अनस आलम