मां – स्नेहपुष्प
शीर्षक – ” मां ”
मेरा जीवन , मेरी सांसें , मेरा सब कुछ है तू मां ।
तू नेह का नीर, हम प्यासे, मेरा सब कुछ है तू मां ।।
पल हर पल बस तुझको सोचें, मेरा सब कुछ है तू मां ।
तू न दिखे तो तुझको खोजें, मेरा सब कुछ है तू मां ।।
जीवन का विस्तार तुम्हीं से, मेरा सब कुछ है तू मां ।
दिल को कितना प्यार तुम्हीं से, मेरा सब कुछ है तू मां।।
खुशियों की हर बात तुम्हीं से, मेरा सब कुछ है तू मां ।
मेरे दिन और रात तुम्हीं से , मेरा सब कुछ है तू मां ।।
इस जीवन पर कर्ज़ है तेरा , मेरा सब कुछ है तू मां ।
तेरी इबादत फर्ज़ है मेरा, मेरा सब कुछ है तू मां ।।
© डॉक्टर वासिफ क़ाज़ी , इंदौर
© क़ाज़ीकीकलम