-मां सर्व है
-मां सर्व है
मां माली है मां पालक है
मां हिम्मत है मां ताकत है ।
मां श्रद्धा है मां भक्ति है
मां ममता है मां शक्ति है।
मां नेह है मां अभिव्यक्ति है
मां श्रद्धा है मां प्रेम पंक्ति हैं ।
मां मिठास है मां महक है
मां रौनक है मां चहक है।
मैं विश्वास है मां आधार है
मां गुरु है मां संस्कार है।
मां रब है मां जन्नत है
मां वरदान है मां मन्नत है ।
मां कदम-कदम पर साथ हैं ।।
मां देह मात्र नहीं मां दिव्य है
मातृ तुम सचमुच सर्व है।
मातृत्व स्त्रैणभाव प्रकृति है
दुआ करती मां रात जगती है
हे! जननी शत् शत् नमन
आपसे यह सृष्टि चलती है।।
-सीमा गुप्ता अलवर राजस्थान