मां शैलपुत्री
नव दुर्गा मैया आन विराजो घट में
मैया आन विराजो मन में
मैया बैठो जन जीवन में, मैया आन बिराजो मन में
दस द्वारे के दुर्ग में मैया, छाया घना अंधेरा
ज्ञान ज्योति जला दो मैया, सूने मन मंदिर में
मैया आन बिराजो मन में
लोभ मोह और काम क्रोध के है असुरों का डेरा
मोहे निशा की बदली छाई दिखता नहीं सवेरा
आकर मैया राह दिखा दो, सूनी दो अंखियन में
मैया आन विराजो मन में
प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री मन बृषभ करो सवारी
शांत करो मन की तृष्णाएं रक्षा करो हमारी
मनमंदिर उजियारा कर दो, आन विराजो मन में
सबका जीवन हरा-भरा हो, शांत हो दुनिया सारी
नवचेतना आ जाए जग में, सुखी धरा हो सारी
मैया बैठो जन के मन में, मैया आन विराजो मन में
जय माता दी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी