मां शारदे
मां शारदे
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हे!मां शारदे अज्ञानता से,हमें तार दे मां
तू स्वर की देवी ,संगीत तुझसे हर शब्द तेरा।
हर गीत तुझसे,है शारदे मां ——
हम हैं अकेले ,हम है अधूरे।
तेरी शरण में, हम है पधारे,
हमें प्यार दे मां,आशीष दे मां।
हे शारदे मां ———
मुनियों ने समझे,मुनियों ने जाने,
पुराणों की वाणी, वेदों की भाषा।
हम भी तो समझें,हम भी तो जानें,
विधा का हमको ,वरदान दो मां।।हे शारदे मां —–
तू स्वेत वर्णा ,कमल पे विराजे,
हाथों में वीणा,मुकुट सिर पे साजे।
उर से हमारे,मिटाके अंधेरे,
हमको उजालों का, संसार दो मां।।
हे शारदे मां —–
सुषमा सिंह *उर्मि,,