मां लिखा
लोगों ने बड़प्पन को रुतबा ,जमीन
पैसा ,सोहरत और मकां लिखा।
एक मैं था जिसे ये सब बेमानी सा लगा,
मैने इन सबकी जगह सिर्फ मां लिखा।
-सिद्धार्थ गोरखपुरी
लोगों ने बड़प्पन को रुतबा ,जमीन
पैसा ,सोहरत और मकां लिखा।
एक मैं था जिसे ये सब बेमानी सा लगा,
मैने इन सबकी जगह सिर्फ मां लिखा।
-सिद्धार्थ गोरखपुरी