मां मेरा जहां
एक दिन मन ने सोचा
कि चारों वेद, अठारह पुराण
और सभी शास्त्र
अगर एक शब्द में लिखूं
तो कैसे लिखूं पर
यह उलझन क्षण मात्र में सुलझ गई
मैं प्रेम और समर्पण से पूरित
सभी वेदों की सुंदर ऋचाएं
जीवन को उत्कर्ष देती
शास्त्रो, पुराणों, उपनिषदों
की अमूल्य सीखों के साथ-साथ
गर्भ में पङे शिशु के दाब की भौतिकी,
स्तन के रस में घुले अमृत का रसायन,
तोतली भाषाको प्रेम का स्पर्श देता
प्रथम भाषा का अनोखा विज्ञान,
मांस के लोथङे को अमृत से
सींच मानव करने का जीव विज्ञान
मृदा की तरह हल की मार सह
अपनी उर्वरता से शिशु की उत्पत्ति के
रहस्य का कृषि विज्ञान
घर के तमाम झंझावतों में भी
कुशल गृहस्थी चलाने का
अर्थशास्त्र, सांख्यिकी गणित और
सारी दुनिया, जहान को
एक शब्द में लिख आया
मैं दिल के कागज पर मां लिख आया॥
पुष्प ठाकुर