Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Apr 2018 · 1 min read

मां मार मुझे मत गर्भ में

मां मार मुझे मत गर्भ में
यह तो है मेरा अद्भुत सुरक्षा कवच
जिसमें मैं आकार लूंगी
तुम्हारे स्नेह के साथ
तुम्हारी कल्पनाओं और ख्वाबों के साथ
मेरी धड़कन है तुम्हारी हर श्वास के स्पर्श में
मां मार मुझे मत गर्भ में

तुम भी नारी हो, पहल तुम्हें ही करनी होगी
दुनिया के तानों से लड़ने की, हिम्मत पैदा करनी होगी
माता तो विधाता का भेजा हुआ एक सुंदर फरिश्ता है
मां बेटी का तो इस जग में बहुत ही प्यारा रिश्ता है
मेरी रक्षा करना मां तेरा ही तो धर्म है
मां मार मुझे मत गर्भ में

दादी को समझाना मैं उनकी बगिया की फुलवारी हूं
पापा को यह बतलाना मैं उनकी राज दुलारी हूं
पापा के सपनों को मैं साकार करूंगी
ऊंचे सोपानों पर चढ़कर उनका जग में नाम करूंगी
गर्व महसूस करो मुझको इस जग में लाकर
बिटिया को जन्म देना क्या कोई शर्म है ?
मां मार मुझे मत गर्भ में

डॉक्टर संगीता महेश

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 709 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बड़े-बड़े शहरों के
बड़े-बड़े शहरों के
Chitra Bisht
आमंत्रण और निमंत्रण में क्या अन्तर होता है
आमंत्रण और निमंत्रण में क्या अन्तर होता है
शेखर सिंह
सब तो उधार का
सब तो उधार का
Jitendra kumar
चाँद पूछेगा तो  जवाब  क्या  देंगे ।
चाँद पूछेगा तो जवाब क्या देंगे ।
sushil sarna
दुनिया रंग दिखाती है
दुनिया रंग दिखाती है
Surinder blackpen
शिक्षा
शिक्षा
Adha Deshwal
"क्रोधित चिड़िमार"(संस्मरण -फौजी दर्शन ) {AMC CENTRE LUCKNOW}
DrLakshman Jha Parimal
वीर तुम बढ़े चलो...
वीर तुम बढ़े चलो...
आर एस आघात
3201.*पूर्णिका*
3201.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कोई दरिया से गहरा है
कोई दरिया से गहरा है
कवि दीपक बवेजा
पर्यावरण संरक्षण
पर्यावरण संरक्षण
Pratibha Pandey
🙅आज का अनुभव🙅
🙅आज का अनुभव🙅
*प्रणय*
എങ്ങനെ ഞാൻ മറക്കും.
എങ്ങനെ ഞാൻ മറക്കും.
Heera S
*अहंकार*
*अहंकार*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
* सिला प्यार का *
* सिला प्यार का *
surenderpal vaidya
कांधा होता हूं
कांधा होता हूं
Dheerja Sharma
दिव्य-भव्य-नव्य अयोध्या
दिव्य-भव्य-नव्य अयोध्या
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
"चिन्ता का चक्र"
Dr. Kishan tandon kranti
छोड़ जाते नही पास आते अगर
छोड़ जाते नही पास आते अगर
कृष्णकांत गुर्जर
मात पिता गुरु बंधुप्रिय, भाखहि झूठ पे झूठ।
मात पिता गुरु बंधुप्रिय, भाखहि झूठ पे झूठ।
Sanjay ' शून्य'
सरकार अपराध पर तो नियंत्रण रख सकती है पर किसी के मन पर नहीं
सरकार अपराध पर तो नियंत्रण रख सकती है पर किसी के मन पर नहीं
Rj Anand Prajapati
राम आएंगे
राम आएंगे
Neeraj Agarwal
ऐ दिल सम्हल जा जरा
ऐ दिल सम्हल जा जरा
Anjana Savi
किंकर्तव्यविमूढ़
किंकर्तव्यविमूढ़
Shyam Sundar Subramanian
*उसकी फितरत ही दगा देने की थी।
*उसकी फितरत ही दगा देने की थी।
Ashwini sharma
ये क्या किया जो दिल को खिलौना बना दिया
ये क्या किया जो दिल को खिलौना बना दिया
Dr Archana Gupta
عزت پر یوں آن پڑی تھی
عزت پر یوں آن پڑی تھی
अरशद रसूल बदायूंनी
यूं ही कोई लेखक नहीं बन जाता।
यूं ही कोई लेखक नहीं बन जाता।
Sunil Maheshwari
*अभिनंदन डॉक्टर तुम्हें* (कुंडलिया)
*अभिनंदन डॉक्टर तुम्हें* (कुंडलिया)
Ravi Prakash
निहारिका साहित्य मंच कंट्री ऑफ़ इंडिया फाउंडेशन ट्रस्ट के द्वितीय वार्षिकोत्सव में रूपेश को विश्वभूषण सम्मान से सम्मानित किया गया
निहारिका साहित्य मंच कंट्री ऑफ़ इंडिया फाउंडेशन ट्रस्ट के द्वितीय वार्षिकोत्सव में रूपेश को विश्वभूषण सम्मान से सम्मानित किया गया
रुपेश कुमार
Loading...