मां भारती से कल्याण
भारत नही इस पृथ्वी पर बस,बना एक भू-भाग
जीवित है यह युगो युगो से, माता का एक नाम
देव दिखे हर मानव तन में, देव ही हर जीव यंहा
धरा,अम्बर,बन और सागर,ऐसा आदर और कंहा
सूरज, चंदा, पर्वत, नदिया, गज, गइय्या या काक
सबका पूजन प्रथा जतावे, अनुरागी सा आभार
सदियो से यह गुरू विश्व का, छोड रहा फिर छाप
एककुटुंब सी बने येधरती,मां भारती से कल्याण
संदीप पांडे “शिष्य” अजमेर