मां भारती के लाल
तुम्हारे नाम के मंदिर नहीं बने हैं
कहीं ना मस्जिदों में सजदा कभी किया है
तुम्हें, मगर खुदाओं से बढ़कर
जो रुतबा होता है
जमीनें हिंद ने वो मर्तबा दिया है तुम्हें,
वह गोलियां जो हमारी तरफ बढ़ी थी कभी
तुम अपने सीने पर भरकर जमीन पर लेट गए
जहां भी प्यार से मां भारती ने थपकी दी
तुम बच्चे की मानीद वहीं पर लेट गए,
उठा के हाथ दुआएं पढ़ी है
मिट्टी ने तुम्हारे जैसे जिगरे सपूत पाने को
जो लब पे लेके शिकायत यही शहीद हुए कि जान एक हीं मिलती है क्यूं लुटाने को,
तुम हीं ना होते तो दुनिया बबूल हो जाती
जमीं ने खून से यूँ लाल करता कौन,
हजारों लोग हैं यूं तो जमाने में
लेकिन हमारे वास्ते यू मुस्कुरा के
मरता कौन…
#किसानपुत्री_शोभा_यादव