” मां भवानी “
आया नवरात्र का पवित्र त्यौहार
नव सज्जा से सजे हैं बाजार
बेड़ा करती सबका पार भवानी
ऐसी है मेरी मां भवानी,
लाल चूड़ा हाथों में पहनकर
गोटे की चूनर सिर पे ओढ़कर
सोलह करती श्रृंगार भवानी
ऐसी है मेरी मां भवानी,
नव दिनों तक हम रखें उपवास
भाए पूड़ी और काले चने का प्रसाद
सिर पर मेरे रखती हाथ भवानी
ऐसी है मेरी मां भवानी,
नौ रूप धारण कर अरि हराए
काल बने उनका जो असहाय को सताए
भवसागर से देती है तार भवानी
ऐसी है मेरी मां भवानी |