मां ब्रह्मचारिणी
मां ब्रह्मचारिणी
ओम नमो ब्रह्मचारिणी माता,
रूप तुम्हारा उज्ज्वल कांति से जगमगाता।
तुम्हारी कृपा से है जगत में फैली पवित्रता,
ज्ञान और सदाचार से तुम्हारी है मित्रता।
एक हस्ते अक्ष्यमाला दूजे धारित कमंडल,
शांत चित्त दिव्य पवित्र आभा युक्त मुखमंडल।
श्वेत वस्त्र धारित हे अखण्ड तपस्विनी,
शोक संताप हर्ता माता हंसवाहिनी।
नमो नमो माता ब्रह्मचारिणी,
तुम हो अखण्डित तपश्चारिणी।
श्वेत निर्मल काया धवल रूप,
माता का यह अनुपम स्वरूप।
दुखियों के दुख हरने वाली,
भक्तों को संकट से बचाने वाली।
मुझे भी दो सुख सम्पदा कृपा करो जगदम्बे मैया ,
आए तुम्हारी शरण में हम पार लगा दो हमारी नैया।।
✍️ मुकेश कुमार सोनकर, रायपुर छत्तीसगढ़