मां बेटी
मां -बेटी
मात्रा बार। १६ /१५
मां , इंद्रधनुषी फ्राक पहन
खेलती फिरूं आंगन में
पीछे -पीछे भाग- भाग फिर
पकड़ छुपाती आंचल में।
मुझे नहाती ,बाल बनाती
काजल लगाती आंखों में
दूर नजर से कभी न करती
मुझे बसाती सांसो में।
पकड़- पकड़ मुझे खिलाती
झूला झुलाती बाहों में
अच्छी-अच्छी कथा सुनाती
लोरी सुनाती रातों में।
अच्छे गुणों की शिक्षा देती
बस बातों ही बातों में
मेरे रोने से रोती है
आकर के जज़्बातों में
बीमार यदि कभी पड़ जाऊं
रातें बिताती आंखों में
मुझे सुलाके गोदी में फिर
आंसू भरती नैनों में।
ललिता कश्यप गांव सायर जिला बिलासपुर ( हि० प्र०)