“मां बाप”
“मां बाप”
मां बाप का मीनू कैसे करे शुक्रिया
जिनकी बदौलत इस दुनिया में आई
सुसंस्कार समेटे मां के आंचल से
कर्तव्यनिष्ठा में पिता का साया कहलाई,
आत्मसम्मान सीखा पिता की जिम्मेदारी से
इन्हीं के नक्शे कदम की रह अपनाई
आखों में देखा एक दूजे के प्रति समर्पण
सत्कर्मों से आज जग में पहचान बनाई,
हर परिस्थिति में डटे रहें एक साथ
मेरे बचपन को खुशहाल बनाया
हर परेशानी को छिपाया अंतर्मन में
इनको सदैव मुस्कुराते ही पाया
राजकुमारी ही जिंदगी दी मुझे
हर पल पलकों पर बिठाया
बेशकीमती रिश्ता मां बाप का
युगों युगों से इतिहास रचाया।