मां तेरे आंचल को।
मां तेरे आंचल को ओढ़ना चाहता हूं।
गोद में तेरी फिरसे खेलना चाहता हूं।।1।।
तेरी मोहब्बत जैसा कुछ भी नहीं है।
छाती से लगके तेरी सोना चाहता हूं।।2।।
बिन कुछ कहे तेरा सब समझजाना।
तुझसे तुतला कर बोलना चाहता हूं।।3।।
याद आता है वह बेफिक्री का होना।
फ़िर से वह बचपन जीना चाहता हूं।।4।।
मेरी खातिर तेरा खुदको भूल जाना।
तेरे साएं में फिर से रहना चाहता हूं।।5।।
वो रात ओ दिन का तेरे साथ रहना।
वो ख़याली फिरसे जीना चाहता हूं।।6।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ