मां तुम्हारे प्यार को कैसे बयां करूँ
मां तुम्हारे प्यार को कैसे बयां करूँ,
कौन से शब्द कहूँ, कौन सी छंद गढ़ूॅं!!
जीवन के प्रथम पाठ सिखाई हो तुम,
प्यार और धैर्य से राह दिखाई हो तुम!!
मां, तू ही तो मेरे जीवन का स्थायी आधार है,
तेरे चरण स्पर्श बिना मेरा जीवन निराधार है!!
तुम्हारी कृपा से ही चल रहा जीवन का सफ़र,
माँ, तुझसे ही मेरे जीवन में सुकून-ए-बहार है!!
तुम्हारी ममता का फल है सब कुछ मेरे पास,
तुम्हारे बिना जग सूना, विरान है सबका श्वास!!
तुम्हारे स्पर्श से मिलता है प्रेम स्नेह का विश्वास,
निर्मल सी काया में विराजी है देवी का आभास!!
©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”