मां के समान कोई नही
मां ने बनाया तुम्हे खुद को मिटाके,
उसी के कारण लेते हो तुम चटाके।
मां ना होती,तुम कभी भी ना होते,
आज तुम इतने बड़े कभी ना होते।।
मां का अहसान जो है भूल जाते,
वे कभी जीवन में सुख नहीं पाते।
मां से बडा कोई गुरु नहीं होता,
उसके बराबर कोई शिक्षा न देता।।
मां बाप को कभी अलग न करना,
उनके आशीष सदा लेते ही रहना।
आती मुसीबत मां मुंह से निकलती,
अंत समय तक वह सेवा है करती।।
मां ही पहले तुम्हे खाना खिलाती,
भले ही खुद भूखी ही सो जाती।
मां से बड़ी कोई भू पर देवी नहीं है,
इससे बड़ी भू पे कोई पूजा नहीं है।।
मां के भले ही चश्मा लग जाएं,
उसे सब दिखता है भले न बताए।
मां के भले ही बाल सफेद हो जाए,
फिर भी वह अच्छे व्यजन बनाए।।
मां की तुलना किसी से न हो सकती,
इसके समान कोई चीज न हो सकती।
मां के कारण सारा घर स्वर्ग हो जाता,
इसके बिना सारा घर नरक हो जाता।।
मां की जीवन भर करते रहने सेवा,
तभी मिलेगी तुम्हे जीवन भर मेवा।
मां ही तेरा चमन वहीं तेरा वतन है,
उसी के चरणों में मिलेगा अमन है।।
आर के रस्तोगी गुरुग्राम