मां की दुनिया
मां तुम दुनिया का वह ,
अनमोल तोहफा है ।
जिसके सामने ताजमहल,
का प्यार भी फीका है ।
अपनी हर खुशी को,
कुर्बान करती है।
तभी तो दुनिया में,
देवी मान कर पूजी जाती है।
उसे घर में हर जीव ,
की फिक्र है ।
चाहे फिर वह टॉमी
या घर का कोई वर्कर ही है।
जान वारती है वह ,
अपने बच्चों पर।
चाहे फिर बच्चे क्यों,
नछोड़ जाएं उसे सड़कों पर।
नहीं मांगती कभी,
बदले में वह प्यार किसी से ।
सह जाती है दुनिया,
का हर वार खुशी से ।
उसे नहीं प्यार अपनी हस्ती से ।
उसे प्यार है तो केवल ,
अपने बच्चों की हंसी से ।
मत रुलाना कभी अपनी,
मां को गलती से भी ।
भगवान तो मिल जाएगा,
तुम्हें ,पर मां नहीं मिलेगी ,
किसी कीमत पर भी।