Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 May 2023 · 1 min read

मां की अभिलाषा

मां की ममता गुलाब का फूल, संतान दुष्ट मां कभी नहीं शत्रु।

मां को संतान से प्यार, बच्चे की मुस्कान मां को दे, सारे जहान का सुख।

मां खुद रह लेगी दुखी, जिस काज
से मिले औलाद को खुशी।

मां में होती अगर शक्ति, तो सारी दुनिया स्वर्ग पर राज करती।

बच्चे के सुख की अभिलाषा मां कि कभी पूरी नहीं होती,
किसी भी जीव कि मां की ममता कभी अधूरी नहीं होती।

मां की सदा यह आरजू, बच्चे की अभिलाषाओं को पूरा करना उसके हो काबू ।

मां की महिमा का बखान, परमात्मा के लिए भी नहीं आसान।

239 Views

You may also like these posts

कौन कहता है वो ठुकरा के गया
कौन कहता है वो ठुकरा के गया
Manoj Mahato
धैर्य बनाए रखना
धैर्य बनाए रखना
Rekha khichi
पर्यावरण संरक्षण*
पर्यावरण संरक्षण*
Madhu Shah
जी चाहता है
जी चाहता है
Shyam Sundar Subramanian
"महत्वाकांक्षा"
Dr. Kishan tandon kranti
सत्य कड़वा नहीं होता अपितु
सत्य कड़वा नहीं होता अपितु
Gouri tiwari
.....हा हा दो पैरों वाले सभी .आवारा पशु
.....हा हा दो पैरों वाले सभी .आवारा पशु
Dr.Pratibha Prakash
Not only doctors but also cheater opens eyes.
Not only doctors but also cheater opens eyes.
सिद्धार्थ गोरखपुरी
तू जाएगा मुझे छोड़ कर तो ये दर्द सह भी लेगे
तू जाएगा मुझे छोड़ कर तो ये दर्द सह भी लेगे
कृष्णकांत गुर्जर
हार से डरता क्यों हैं।
हार से डरता क्यों हैं।
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
पैगाम
पैगाम
Shashi kala vyas
पल दो पल की शोहरतें भी तमाशे जैसी है,
पल दो पल की शोहरतें भी तमाशे जैसी है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
"मृतक" के परिवार को 51 लाख और "हत्यारे" को 3 साल की ख़ातिरदार
*प्रणय*
फितरत
फितरत
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
एक गिलहरी
एक गिलहरी
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
2831. *पूर्णिका*
2831. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आज फिर अकेले में रोना चाहती हूं,
आज फिर अकेले में रोना चाहती हूं,
Jyoti Roshni
---माँ---
---माँ---
Rituraj shivem verma
मोहब्बत ऐसी होती है   .....
मोहब्बत ऐसी होती है .....
sushil sarna
⭕ !! आस्था !!⭕
⭕ !! आस्था !!⭕
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
*यूं सताना आज़माना छोड़ दे*
*यूं सताना आज़माना छोड़ दे*
sudhir kumar
मैं ही तो हूँ
मैं ही तो हूँ
बाल कवित्री 'आँचल सेठी'
मर जाओगे आज
मर जाओगे आज
RAMESH SHARMA
संकल्प
संकल्प
Vedha Singh
दिल तसल्ली को
दिल तसल्ली को
Dr fauzia Naseem shad
डमरू घनाक्षरी
डमरू घनाक्षरी
Annapurna gupta
*पूर्वाग्रह से प्रेरित जज थे, बहसों में गड़बड़झाला था (राधेश
*पूर्वाग्रह से प्रेरित जज थे, बहसों में गड़बड़झाला था (राधेश
Ravi Prakash
अहमियत
अहमियत
Kanchan verma
- कलयुग में ऐसे भाई नही मिलेंगे -
- कलयुग में ऐसे भाई नही मिलेंगे -
bharat gehlot
"कुछ दबी हुई ख़्वाहिशें है, कुछ मंद मुस्कुराहटें है,
शेखर सिंह
Loading...