मां का आर्शीवाद
नही है मेरी माँ भोली,
उसने सिखाया है,मुझे-लड़ना,
जीवन संघर्षों में आगे बढ़ना,
दिल दुःखे, तो क्या है करना,
मेरी माँ ने बताया है——
गली मोहल्ले के लड़को से
मत डरना——/
कोई छेड़े ,तो कैसे है उससे निपटना,
मेरी माँ दुनिया का अजूबा है,
क्योंकि,उसने नहीं सिखाया,
सबकी हाँ में हाँ मिलाना,
उसने मुझे खुद्दार बनाया है,
समझौते की राजनीति का पाठ,
बिल्कुल नहीं पढ़ाया है,
त्याग,तपस्या और बलिदान,
है भारत की नारी शान,
पर ,माँ कहती है-
सीता मत बनना,
जब राम त्याग दे,
अहिल्या मत बनना,
जब गौतम श्राप दे,
तुम चण्डी बनना,
ज्वाला बनना,
मत सहना अत्याचार,
तू धरती है,तू बिजली है,
तू ही सृष्टि का आधार,
आगे बढ़, और जीत ले दुनिया,
माँ का आशीर्वाद है साथ।