Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Oct 2024 · 1 min read

मां कालरात्रि

मां कालरात्रि करुणा बरसाओ
सारे अनिष्ट शमन कर जाओ
बढ़ रही हैं वृत्तियां आसुरी
मां जगदंबे दमन कर जाओ
मां भक्तों को भयमुक्त करो
संसार को निर्भय कर जाओ
छाया आतंक का घना अंधेरा
प्रेम प्रकाश फैला जाओ
हे शुभंकरी शुभ फल देने वाली
जन जन के मां कष्ट हरो
कोई ना आतंकित हो जग में
अन्याय आतंक दूर करो
दूर करो ग्रह बाधाएं मां
अंधकार हर जाओ
जन-जन को मां अभय करो
सुकृत धरा पर फैलाओ
मां कालरात्रि आ जाओ
जन-जन पर करुणा बरसाओ
जय माता दी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी

Language: Hindi
45 Views
Books from सुरेश कुमार चतुर्वेदी
View all

You may also like these posts

शहीदों का बलिदान
शहीदों का बलिदान
Sudhir srivastava
तुम समझ पाओगे कभी
तुम समझ पाओगे कभी
Dhananjay Kumar
दर्द ना अश्कों का है ना ही किसी घाव का है.!
दर्द ना अश्कों का है ना ही किसी घाव का है.!
शेखर सिंह
*
*"नरसिंह अवतार"*
Shashi kala vyas
करवाचौथ
करवाचौथ
Neeraj Agarwal
” भेड़ चाल “
” भेड़ चाल “
ज्योति
वो लुका-छिपी वो दहकता प्यार—
वो लुका-छिपी वो दहकता प्यार—
Shreedhar
सत्य दृष्टि (कविता)
सत्य दृष्टि (कविता)
Dr. Narendra Valmiki
बड़ी अजब है जिंदगी,
बड़ी अजब है जिंदगी,
sushil sarna
"गंगा माँ बड़ी पावनी"
Ekta chitrangini
4843.*पूर्णिका*
4843.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
■ रहस्यमयी कविता
■ रहस्यमयी कविता
*प्रणय*
संवेदना
संवेदना
ललकार भारद्वाज
किसी का कचरा किसी का खजाना होता है,
किसी का कचरा किसी का खजाना होता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सामाजिक न्याय
सामाजिक न्याय
Shekhar Chandra Mitra
*जागो हिंदू विश्व के, हिंदू-हृदय तमाम (कुंडलिया)*
*जागो हिंदू विश्व के, हिंदू-हृदय तमाम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
গাছের নীরবতা
গাছের নীরবতা
Otteri Selvakumar
तेरा-मेरा साथ, जीवन भर का...
तेरा-मेरा साथ, जीवन भर का...
Sunil Suman
चीत्रोड़ बुला संकरी, आप चरण री ओट।
चीत्रोड़ बुला संकरी, आप चरण री ओट।
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
"Looking up at the stars, I know quite well
पूर्वार्थ
*हनुमान के राम*
*हनुमान के राम*
Kavita Chouhan
जीवन गति
जीवन गति
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
सुप्रभात
सुप्रभात
डॉक्टर रागिनी
सत्ता
सत्ता
DrLakshman Jha Parimal
जिंदगी में सफ़ल होने से ज्यादा महत्वपूर्ण है कि जिंदगी टेढ़े
जिंदगी में सफ़ल होने से ज्यादा महत्वपूर्ण है कि जिंदगी टेढ़े
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
श्राद्ध- पर्व पर  सपने में  आये  बाबूजी।
श्राद्ध- पर्व पर सपने में आये बाबूजी।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
पढ़े-लिखे पर मूढ़
पढ़े-लिखे पर मूढ़
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
सवैया
सवैया
Rambali Mishra
" नज़र "
Dr. Kishan tandon kranti
भटके नौजवानों से
भटके नौजवानों से
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
Loading...