मां ! कहां हो तुम?
मां !कहां हो तुम?
मेरे पास आओं,
जहां हो भी तुम,
मुझे प्यार करो।
मां! कहां हो तुम?
मेरे पास आओं,
मैं बाथ रूम में हूं,
मुझे साबुन से नहाओं।
मां ! कहां हो तुम?
मेरे पास आओं,
स्कूल ड्रेस नहीं मिल रही है,
आकर मुझे बताओं।
मां ! मैं तैयार हूं,
किंतु देर हो रही है,
पापा कहां हैं?
मुझे स्कूटर से भिजवाओं.
मां ! कहां हो तुम?
मैं स्कूल से आ गई हूं
जोरो की भूख लगी है
आकर मुझे खिलाओँ।
मा! कहां हो तुम?
मुझे ठंड लगती है,
पुराने स्वेटर तंग हो गए हैं,
नया स्वेटर बनाओं.
मां ! कहां हो तुम?
दिनभर काम ही काम,
स्कूल में टास्क मिले हैं,
बैठकर पूरे कराओ।
मां! कहां हो तुम?
अभी पढ़ने का मन नहीं हैं,
टी वी मुझे पसंद नही है,
अच्छी -अच्छी कहानियां सुनाओ.
मां ! कहां हो तुम?
मैं बिस्तर पर हूं,
लेकिन नींद नहीं आ रही है,
आकर मुझे लोड़ी सुनाओ।
मां! कहां हो तुम?
भीड़ में भी पहचान लेती है मुझे
मेरे पास आकर बैठ जाती है,
घर चलों, तुरंत ही कह देती है।
मा ! मां!! मां!!!
जी तरसता है सुनने को,
जब वह स्कूल चली जाती है,
जी कहता है : “हर पल मुझे बुलाओ।”
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@स्वरचित- घनश्याम पोद्दार, मुंगेर