Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 May 2020 · 1 min read

मां करुणा की सागर है

मां सारे जग की जननी है, मां सारे जग को जनती है
पालन पोषण करती है, सबको धारण करती है
ईश्वर तो है निराकार, साकार है मां जग जननी है
मां की आंखों में ममता है, हृदय प्रेम का सागर है
सबसे बड़ा मां का आंचल है, जिसमें विश्व समाता है
मां करुणा की सागर है, प्यार भरी अमृत गागर है
मां से न कोई जग में, मां तो खुशियों का सागर है
कष्ट कभी न मां पर आए, आंख के आंसू छलक जाए
मां तो बस मां ही होती है, मां का दिल दुखने ना पाए

Language: Hindi
11 Likes · 3 Comments · 437 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सुरेश कुमार चतुर्वेदी
View all
You may also like:
चींटी रानी
चींटी रानी
Dr Archana Gupta
*मातृभूमि की सेवा से हम, पीछे नहीं हटेंगे (गीत)*
*मातृभूमि की सेवा से हम, पीछे नहीं हटेंगे (गीत)*
Ravi Prakash
आज होगा नहीं तो कल होगा
आज होगा नहीं तो कल होगा
Shweta Soni
राम जपन क्यों छोड़ दिया
राम जपन क्यों छोड़ दिया
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
फितरत................एक आदत
फितरत................एक आदत
Neeraj Agarwal
क्या अच्छा क्या है बुरा,सबको है पहचान।
क्या अच्छा क्या है बुरा,सबको है पहचान।
Manoj Mahato
संविधान ग्रंथ नहीं मां भारती की एक आत्मा 🇮🇳
संविधान ग्रंथ नहीं मां भारती की एक आत्मा 🇮🇳
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
मुझे जगा रही हैं मेरी कविताएं
मुझे जगा रही हैं मेरी कविताएं
Mohan Pandey
कोई गुरबत
कोई गुरबत
Dr fauzia Naseem shad
!! होली के दिन !!
!! होली के दिन !!
Chunnu Lal Gupta
शब्द
शब्द
Sûrëkhâ
बेटियों ने
बेटियों ने
ruby kumari
कुलदीप बनो तुम
कुलदीप बनो तुम
Anamika Tiwari 'annpurna '
जब मैं परदेश जाऊं
जब मैं परदेश जाऊं
gurudeenverma198
दीपों की माला
दीपों की माला
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
खोकर अपनों को यह जाना।
खोकर अपनों को यह जाना।
लक्ष्मी सिंह
"एक जंगल"
Dr. Kishan tandon kranti
अंतरराष्ट्रीय वृद्ध दिवस पर
अंतरराष्ट्रीय वृद्ध दिवस पर
सत्य कुमार प्रेमी
Remeber if someone truly value you  they will always carve o
Remeber if someone truly value you they will always carve o
पूर्वार्थ
माँ मुझे विश्राम दे
माँ मुझे विश्राम दे
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
धरा हमारी स्वच्छ हो, सबका हो उत्कर्ष।
धरा हमारी स्वच्छ हो, सबका हो उत्कर्ष।
surenderpal vaidya
पंचांग के मुताबिक हर महीने में कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोद
पंचांग के मुताबिक हर महीने में कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोद
Shashi kala vyas
"घूंघट नारी की आजादी पर वह पहरा है जिसमे पुरुष खुद को सहज मह
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
मुसलसल ईमान रख
मुसलसल ईमान रख
Bodhisatva kastooriya
बसंती बहार
बसंती बहार
इंजी. संजय श्रीवास्तव
मुख्तलिफ होते हैं ज़माने में किरदार सभी।
मुख्तलिफ होते हैं ज़माने में किरदार सभी।
Phool gufran
आजकल बहुत से लोग ऐसे भी है
आजकल बहुत से लोग ऐसे भी है
Dr.Rashmi Mishra
Even if you stand
Even if you stand
Dhriti Mishra
चली पुजारन...
चली पुजारन...
डॉ.सीमा अग्रवाल
कौर दो कौर की भूख थी
कौर दो कौर की भूख थी
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Loading...