मां अन्नपूर्णा जयंती
(मार्गशीर्ष शुक्ल पूर्णिमा को मां अन्नपूर्णा मैया की जयंती मनाई जाती है)
एक बार सारी सृष्टि में, गहन गंभीर अकाल पड़ा
जीव जंतु पशु पक्षी मानव, त्राहि-त्राहि पुकार उठा
मनुज दनुज ऋषि मुनि देव, ब्रह्मा जी के पास गए
ब्रह्मा जी को लेकर सब, श्री हरि विष्णु के पास गए
श्रीहरि ब्रह्माजी देव मनुज ने,आदिदेव का ध्यान किया
प्रकट हुए शिव शंकर तत्क्षण, सबने हाल बयान किया
हे आदिदेव अंन्न जल के बिन, सृष्टि कैंसे बच पाएगी
जीवन कैसे बचेगा जग में, सृष्टि सारी मिट जाएगी
भोले शंकर बोले सबसे, चिंता मुक्त प्रयाण करो
शीघ्र समस्या हल होगी, जाओ आज से निडर रहो
नेत्र बंद कर शिव शंकर ने, मां पार्वती का ध्यान किया
जीवन के हित भिक्षुक बन, मैया से अन्न दान लिया
मां अन्नपूर्णा बनी पार्वती, सारी सृष्टि को पाल दिया
भरे अन्न भंडार सृष्टि में, न पानी की कमी रही
अन्नपूर्णा रूप में माता, जीवन धरती पर पाल रही
करता हूं करबद्ध निवेदन,अन्न का नहीं अनादर करना
दाना दाना अन्न है जीवन, प्रसाद समझ सब रखना
दाने दाने पर लिखा हुआ है, हर एक जीव का जीवन
अन्न उपजाना संरक्षित करना, अन्न दान आराधन
मां अन्नपूर्णा मैया की जय।।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी