Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Nov 2018 · 1 min read

माँ

माँ
तुम
जननी
हो जीवन
जन्म दायनी
कितनी पावन
सादर नमन है।

हे
माता
तुमसे
ही जीवन
संभव हुआ
मातृ दिवस पे
आज तुम्हे वंदन।


मेरी
जननी
तुम से है
मेरा जीवन
तुम्ही ईश्वर हो
तुम्हे प्रणाम मेरा।

✍संध्या चतुर्वेदी
#मथुरा उप
#वर्ण_पिरामिड़

48 Likes · 163 Comments · 1226 Views

You may also like these posts

8US là cổng game đổi thưởng hàng đầu, nổi bật với các trò ch
8US là cổng game đổi thưởng hàng đầu, nổi bật với các trò ch
8usband
सबसे सुन्दर प्यारा देश
सबसे सुन्दर प्यारा देश
Nitesh Shah
जितना रोज ऊपर वाले भगवान को मनाते हो ना उतना नीचे वाले इंसान
जितना रोज ऊपर वाले भगवान को मनाते हो ना उतना नीचे वाले इंसान
Ranjeet kumar patre
4682.*पूर्णिका*
4682.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
उसकी फितरत ही दगा देने की थी।
उसकी फितरत ही दगा देने की थी।
Ashwini sharma
ऐसे नाराज़ अगर, होने लगोगे तुम हमसे
ऐसे नाराज़ अगर, होने लगोगे तुम हमसे
gurudeenverma198
बिन बोले सुन पाता कौन?
बिन बोले सुन पाता कौन?
AJAY AMITABH SUMAN
बरसात
बरसात
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
कहीं पे पहुँचने के लिए,
कहीं पे पहुँचने के लिए,
शेखर सिंह
8. *माँ*
8. *माँ*
Dr .Shweta sood 'Madhu'
क्रांक्रीट का जंगल न बनाएंगे..
क्रांक्रीट का जंगल न बनाएंगे..
पं अंजू पांडेय अश्रु
कभी कभी अच्छा लिखना ही,
कभी कभी अच्छा लिखना ही,
नेताम आर सी
ज़हर
ज़हर
Kumar Kalhans
#पश्चाताप !
#पश्चाताप !
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
जीने का हक़!
जीने का हक़!
कविता झा ‘गीत’
" हम तो हारे बैठे हैं "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
19. Cry of a Female Foetus
19. Cry of a Female Foetus
Santosh Khanna (world record holder)
सौभाग्य का संकल्प
सौभाग्य का संकल्प
Sudhir srivastava
'बेटी'
'बेटी'
Godambari Negi
खूबसूरती से
खूबसूरती से
Chitra Bisht
आतंकवाद सारी हदें पार कर गया है
आतंकवाद सारी हदें पार कर गया है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
■ वक़्त बदल देता है रिश्तों की औक़ात।
■ वक़्त बदल देता है रिश्तों की औक़ात।
*प्रणय*
*हम नाचेंगे*
*हम नाचेंगे*
Rambali Mishra
मौलिक सृजन
मौलिक सृजन
Dr. Chandresh Kumar Chhatlani (डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी)
*हनुमान वीर को याद करो, जो गदा साथ ले चलते थे (राधेश्यामी छं
*हनुमान वीर को याद करो, जो गदा साथ ले चलते थे (राधेश्यामी छं
Ravi Prakash
आ जाये मधुमास प्रिय
आ जाये मधुमास प्रिय
Satish Srijan
At the end of the day, you have two choices in love – one is
At the end of the day, you have two choices in love – one is
पूर्वार्थ
" इन्तेहाँ "
Dr. Kishan tandon kranti
अब गुज़ारा नहीं
अब गुज़ारा नहीं
Dr fauzia Naseem shad
तेवरी किसी नाकाम आशिक की आह नहीं +ज्ञानेन्द्र साज
तेवरी किसी नाकाम आशिक की आह नहीं +ज्ञानेन्द्र साज
कवि रमेशराज
Loading...