माँ
माँ सागर है प्यार का ,
सबको खुशियाँ देती |
माँ रूप है भगवान का ,
करती आकांक्षाओं की पूर्ति |
माँ है चट्टान-सी अडिग ,
जो रहती मुश्किलों में स्थिर |
माँ नदी है स्नेह से भरी ,
जो कष्टों को अपने सिर लेती |
माँ वृक्ष है छाँव जो देती ,
पीड़ा में भी उफ्फ न करती |
माँ चन्दन है जो सदा महकती ,
वाणी की मिठास से सबको बहकाती |
माँ आकाश है जो आँचल है बनता ,
स्नेह की वर्षा हरदम है करता |
माँ जैसे इस दुनिया में कोई और नहीं ,
माँ बिन ये दुनिया रहेगी सदा सूनी |