माँ
मेरी मां मेरी परछाई है हर मुसीबत में वो दीवार बनकर सामने आई है, हर परेशानी मुझ तक आते-आते रुक जाती है ,हर संकट की घड़ी टल जाती है, क्योंकि मेरी मां उनका रुख मोड़ आई है मेरी मां मेरी परछाई है।
दुनिया में धोखा है चालाकी है ,तुम ही ने बताया चलना संभल कर तुम ही ने सिखाया ,हर रोज घर से निकलने से पहले उसने दुआओं की माला पहनाई है ,
मेरी मां मेरी परछाई है।
क्या रोकेगी मेरा रास्ता कठिनाई है ,वह हर मुसीबत में दीवार बनकर सामने आई है ,सारे गम उसने अपने आंचल में छुपाए हैं, हमारे लिए वह सिर्फ खुशियां बिनकर लाई है ,सच्चा प्यार विश्वास ममता कहीं नहीं मिलेगी वह सिर्फ मां के आंचल में समाई है ।
सोते तो हम आज भी हैं ,मगर वह सुख कहां ,सुख चैन की नींद सिर्फ मां की ही गोद में आई है , क्या मनाते हो मातृ दिवस माँ किसी एक दिन के लिए नहीं होती ,माँ कोई अध्याय नहीं होती माँ जगत है सृष्टि का सार है वह अनंत है अपार है माँ से बढ़कर इस दुनिया में कोई नहीं होता, बस इसी बात में सच्चाई है ,
मेरी मां मेरी परछाई है
जो हमारी खुशी के लिए अपनी खुशी भूल गई उसका सर कभी झुकने मत देना यही बात समझ में आई है वह मेरे अंदर ही तो समाई है मेरी मां मेरी परछाई है