माँ
माँ बिन सूना संसार
हॄदय संचित दुलार
ईश्वर न था धरा पर
दिया अमूल्य उपहार
माँ की ममता महान
विधाता तुल्य स्थान
आँचल स्नेह संचित
न हो कोई माँ से वंचित
कृति सबसे सुंदर
मन मे स्नेह समंदर
माँ से निर्मित घरद्वार
दे देती सर्वस्व वार
ममता की सजी मूरत
भोली सी माँ की सूरत
गोद मे समाया बचपन
माँ बिन अधूरा जीवन
प्रेम इक मीठी बयार
समाहित माँ का प्यार
पहचान लेती ज़ुबान
माँ ममता की पहचान।।