माँ
– माँ –
माँ ममता की खाॅन है,
माँ गीता और कुरान है,
माँ धरती पर परमपिता की पहचान है,
माँ प्रथम गुरू पाठशाला हैं,
माँ जगती में बच्चे की पहली पहचान है,
माँ बिलखते होठो पर खिलखिलाती मुस्कान है,
माँ हँँसते बचपन की पहचान है,
माॅ बच्चे की सुर और तान है,
माँ बच्चे का छोटा सा आसमान है,
माँ ममता का मंगलमय गान हैै,
मत भेज ऐ इंसान माॅ को विधवाश्रम में
माँ के बिना तेरा यह घर श्मशान के समान है
✍️✍️भरत गहलोत
जालोर राजस्थान