माँ
माँ
रब ने तब खुद उसको अपनी
मिसाल बना कर दुनिया में भेजा
एक नहीं दो नहीं पूरी सत्तर माँ
बत कर वो हमारी हिफाज़त करता है
और हमारे सामने ज़िन्दा मिसाल
मौजूद होती हैं हमारी माँ
जिसके दिल में मुहब्बत
और मुँह पर दुआ होती है
वो तो बस एक माँ ही होती है
जो हमें देख-देखकर खुश होती है
कभी रोती नहीं सदा मुस्कुराती है
वो तो बस एक माँ ही होती है
हम भाई बहनों का आपस में मिलवाती है
अपनी सूझ बूझ से सारे झगड़े सब काम निपटाती है
वो तो बस एक माँ ही होती है।
नहीं घबराती वो किसी ग़म से
हौसले रखती है बुलन्द सब से
घर को जन्नत की तरह सवाँरती है
वो तो बस एक माँ ही होती है
उसकी अज़मत को अब समझ जाओ
देखो उसका कभी ना दिल दुखाओ
क्यूँकि क़दमों के तले उसके जन्नत है
तुम पे वाजिब उसकी ख़िदमत है
हर क़दम पर तुम्हारे साथ होती है
वो तो बस एक माँ होती है।।