माँ
कुछ पक्तियाँ माँ के चरणों में –
चरण शीश माँ के झुकाने चली हूँ
धरो हाथ सर पर मनाने चली हूँ .
तुम्हे शारदे माँ मनाने चली हूँ
अभी एक दीपक जलाने चली हूँ.
करो माफ़ गलती भुलाकर भवानी
लिए फूल द्वारे चढाने चली हूँ .
मिला ज्ञान गुरु से लगा के सदा मन
नई राह अब मैं बनाने चली हूँ .
रेखा मोहन 6/10/21