माँ
माँ तेरी याद मुझे,बहुत रुलाती हैं।
माँ तेरा होना ही मुझे,
अनमोल होने का अहसास दिलाता था।
माँ तेरी गोद मुझे,
अलग होने का अहसास दिलाती थी।
माँ तेरी हिम्मत मुझे,
जग जितने का अहसास दिलाती थी।
माँ तेरी सीख मुझे,
आदमी से इंसान बनाती थी।
माँ तेरी डॉट मुझे,
नित नई राह दिखाती थी।
माँ तेरी सूरत मुझे,मेरी पहचान बताती थी।
माँ तेरी पूजा मेरा,हर पाप मिटाती थी।
माँ तेरी लोरिअब भी,याद बहुत ही आती हैं।
माँ तेरी याद मुझे,बहुत रुलाती हैं।
डॉ मंजु सैनी
गाजियाबाद