माँ
——- कविता :- #माँ —- —
माँ तेरी ममता याद आती है,
तू मुस्कुराती मेरी रूह मुस्कुराती है,
आंखों में नींद न आती,
जब जब तेरी याद आती है,
होंठो की हँसी में तूँ है बसी,
मेरे गालों की चमक तूँ बन जाती।
दूर मुल्क में जब कोई,
गम या रुषबाई सताती है,
मां तेरा प्यार तेरी ममता याद आती है,
मैं जिधर देखता हूँ उधर माँ दिखती है,
कलम उठती है सारा जहां लिखने,
बस एक शब्द माँ लिखती हैं।
लाख मोहोब्बत कर लूँ गैरो से ,
फिर भी ना उठना चाहूँगा उस के पेरो से ,
जिसके कदमो में आँचल में जग संसार है,
जो ममता का सागर जगत का सार है,
हूँ मैं जिस जिगर का टुकड़ा ,
मुझे उस माँ से प्यार है,
मुझे उस माँ से प्यार है,
——– संजय सिंह —————
ग्राम पोस्ट तहशील मालथौन,
जिला – सागर, मध्यप्रदेश