माँ
माँ मैं हूँ प्रतिबिम्ब तुम्हारा
तुझ में ही खुद को पाती हूँ
माँ तुम हो स्वछंद आकाश मेरा
मैं तारा बन तुझ में खिल जाती हूँ
तुमसे ही तो मैं हूँ मेरी माँ
मुझसे ही तुम कहलायी माँ
ऋणी रहेगा सदा ये जीवन
जो तुझ सी पायी है प्यारी माँ
वंदना गुप्ता
ग्रेटर नोएडा